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Think and Grow Rich Summary in Hindi

Think and Grow Rich Summary in Hindi: नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए “Think and Grow Rich”, यानी “सोचो और अमीर बनो” Book Summary लेकर आए हैं जिसने दुनिया भर के लाखों लोगों की ज़िंदगी बदल दी है। इसे लिखा है नेपोलियन हिल ने, और ये सिर्फ अमीर बनने की बातें नहीं करती, बल्कि ये सिखाती है कि कैसे हमारे विचार, हमारी आदतें, और हमारी सोच हमें हर क्षेत्र में सफलता दिला सकती हैं।

बीसवीं सदी के सबसे अमीर इंसानों में से एक, एंड्रयू कार्नेगी ने एक बार नेपोलियन हिल को अपने पास बुलाया। नेपोलियन बड़े जोश में उनसे मिलने पहुँचे। उनकी writing skill को देखकर नेपोलियन हिल को कार्नेगी ने एक अनोखी चुनौती दी। उन्होंने कहा कि अमीर बनने के कुछ खास सिद्धांत हैं, जो अब तक सिर्फ कुछ ही लोगों तक सीमित हैं। उन्होंने हिल से कहा कि वह दुनिया के सबसे अमीर लोगों से मिलकर उनका इंटरव्यू करें और यह समझें कि उनमें कौन सी समानताएँ हैं जो उन्हें सफलता तक ले गईं। कार्नेगी ने यह भी शर्त रखी कि वह हिल को केवल जरूरी खर्च देंगे, लेकिन इसके अलावा कोई और पैसा नहीं मिलेगा। कार्नेगी चाहते थे कि ये नियम और तरीके दुनिया के हर आम इंसान तक पहुँचें, ताकि हर कोई आर्थिक रूप से मजबूत हो सके और खुशहाल जिंदगी जी सके। नेपोलियन हिल ने कुछ समय सोचा और फिर इस चुनौती को स्वीकार कर लिया। इसके बाद उन्होंने अगले बीस सालों में सैकड़ों करोड़पतियों का इंटरव्यू लिया और अमीर बनने के बुनियादी नियमों को ढूंढ निकाला। इन्हीं नियमों को अपनाकर हिल खुद भी करोड़पति बने।

आज हम नेपोलियन हिल की किताब “थिंक एंड ग्रो रिच” के उन्हीं नियमों को आसान भाषा में समझेंगे, जो हमें अमीर बनने की सोच और रास्ता बताते हैं। “थिंक एंड ग्रो रिच” किताब में हिल ने जो नियम साझा किए हैं, वे हर किसी की जिंदगी में लागू होते हैं। चाहे आप गांव में हों या शहर में, ये नियम सबके लिए कारगर हैं। जैसे अमेरिका के सैकड़ों लोग, खुद एंड्रयू कार्नेगी, नेपोलियन हिल और हमारे देश के भी कई लोग इन्हें अपना कर सफल हुए हैं। हिल ने अमीर बनने की इस यात्रा में 13 सिद्धांतों के बारे में बताया है, तो चलिए, इन्हें हम आसान भाषा में समझते हैं:

Think and Grow Rich के 13 सिद्धांत:

इस Book Summary में हम आपको इस किताब के 13 महत्वपूर्ण सिद्धांतों को आसान और सरल तरीके से समझाएंगे, ताकि आप इन्हें अपने जीवन में लागू कर सकें और अपने सपनों को हकीकत में बदल सकें। तो दोस्तों, अगर आप भी अपनी ज़िंदगी में बड़ा बदलाव लाना चाहते हैं, तो इस Book Summary को अंत तक जरूर पढ़े। आइए जानते हैं ये 13 सिद्धांतों के बारे में –

1. इच्छा (Desire)

किताब का पहला और सबसे महत्वपूर्ण सिद्धांत है, “प्रबल इच्छा” यानि कि Burning Desire। यदि आपको अमीर बनना है या किसी क्षेत्र में सफलता पानी है, तो सबसे पहले आपको अपनी इच्छा को स्पष्ट (clear) और प्रबल (strong) बनाना होगा। यह केवल सोचने से नहीं होगा, बल्कि आपको एक स्पष्ट उद्देश्य (Specific Goal) के साथ अपनी इच्छा पर ध्यान केंद्रित करना होगा। हमारी जिंदगी में सफलता बिना किसी स्पष्ट लक्ष्य के हासिल नहीं की जा सकती। नेपोलियन हिल कहते हैं कि सफलता पाने के लिए सबसे पहले आपको एक ठोस लक्ष्य तय करना होगा और उसे प्राप्त करने के लिए अपनी पूरी energy और efforts लगानी होगा। यह रास्ता लंबे समय तक चल सकता है और कई बार बहुत कठिन भी हो सकता है, लेकिन अगर आपकी इच्छा मजबूत है, तो आप अंततः वह सब कुछ कर सकते हैं, जो अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए जरूरी है। जब कोई इच्छा हमारे दिल और दिमाग पर पूरी तरह से हावी हो जाती है, तो वह एक स्थायी मानसिक स्थिति बन जाती है। फिर इस इच्छा को पाने के लिए हम पूरी लगन और मेहनत से जुट जाते हैं। हमारी प्रबल इच्छाएँ अंततः अपना रूप प्राप्त करने का रास्ता ढूंढ ही लेती हैं।

यहाँ लेखक हमें अमीर बनने के लिए 6 जरूरी कदम बताते हैं:

  • पहला, यह सोचिए कि आप कितना पैसा कमाना चाहते हैं। आपको एक निश्चित राशि सोचनी होगी जैसे “मैं 5 साल में 50 लाख रुपये का व्यवसाय स्थापित करूंगा”“मुझे सिर्फ ढेर सारा पैसा कमाना है” कहने से काम नहीं चलेगा।
  • दूसरा, आपको यह तय करना है कि इस निश्चित राशि को पाने के लिए आप क्या-क्या कर सकते हैं। आप क्या क्या बलिदान देने के लिए तैयार हैं? क्या कुछ कठिनाईयों को सहने के लिए तैयार हैं?
  • तीसरा कदम है, वह तारीख तय कीजिए जिस दिन आप यह राशि पा सकेंगे।
  • चौथा, उस निश्चित राशि को पाने के लिए एक खास और स्पष्ट (proper) योजना बनाएं और आज से ही उस पर काम करना शुरू कर दें, चाहे आप अभी उसके लिए तैयार हों या नहीं, चाहे आपके पास सभी resources हों या नहीं।
  • पाँचवाँ, यह सारी चीजें किसी डायरी पर लिखें—आप कितना कमाना चाहते हैं, कब तक कमाना चाहते हैं, आपका प्लान क्या होगा, यह सारी चीजें डायरी पर लिखें।
  • छठा है, इस स्टेटमेंट को दिन में दो बार पढ़ें रात को सोने से पहले और दिन में जागने के बाद। ऐसा अगर करेंगे तो आप मनी कॉन्शियस हो जाएंगे।

यह सभी steps, ख़ासकर अन्तिम step आपको आपके उद्देश्य की याद दिलाएगा और आपके अंदर उसे पाने की तीव्र इच्छा पैदा करेगा। तो आज से ही तय करें कि आप अपने जीवन में कितने पैसे पाना चाहते हैं। फिर उस पैसे को अपनी जिंदगी में पहले से मौजूद मानते हुए कल्पना करें, और उसे पाने के लिए जरूरी काम करना शुरू कर दें और तब तक काम करते रहें जब तक आप अपनी तय की हुई राशि प्राप्त नहीं कर लेते। आपकी इच्छा जितनी clear और strong होगी, आपका लक्ष्य उतना ही strong बनेगा, और आप उतनी ही जोश के साथ उस लक्ष्य को पाने के लिए काम करेंगे।

2. विश्वास (Faith)

Think and Grow Rich_Faith

हिल का दूसरा सिद्धांत है विश्वास। आपके पास जो भी goal है, उसे पाने के लिए आपको खुद पर और अपने कार्यों पर विश्वास करना होगा। यह याद रखना ज़रूरी है कि goal को पाने और अमीर बनने में आपकी यात्रा एक बहुत लंबा और कठिन रास्ता होगी, और अगर आपको खुद पर संदेह (doubt) होगा, तो आप शायद कभी भी इस लक्ष्य को पूरा नहीं कर पाएंगे। विश्वास आपके अवचेतन मन (subconscious mind) में ऊर्जा भरता है और आपके दिमाग को सकारात्मकता (positivity) से भर देता है। सकारात्मक मानसिकता (positive mind) से आप मुश्किलों का सामना कर पाते हैं और अपने सपनों को साकार कर सकते हैं।

दुनिया में कुछ भी असंभव नहीं है, हम वह सब पा सकते हैं जो हम सोचते हैं। दुनिया में जो भी चीजें आप देखते हैं, उपयोग करते हैं, जो भी डिस्कवरी या आविष्कार अब तक हुआ है, वह सभी पहले किसी के सोच से ही पैदा हुई। जो भी यह कर पाए, वह अपने इंपॉसिबल टास्क में विश्वास रखते थे। राइट ब्रदर्स ने इंसानों को हवा में उड़ाने के बारे में सोचा, लोग उन्हें पागल कहते थे, लेकिन उनकी इस सोच पर उनका पूरा विश्वास था और वह उस सोच को रियलिटी में बदल पाए। अगर आप अपने काम में विश्वास रखते हैं तो आप अपने सपनों को जरूर पूरा कर पाएंगे। ऐसे बहुत सारे उदाहरण भरे पड़े हैं जिन्होंने खुद पर विश्वास किया, अपने कामों पे भरोसा रखा और अंत में अपने सपनों को सच कर लिया। हमें किसी लक्ष्य को पाने की प्रबल इच्छा होने के साथ-साथ उस पर विश्वास करना भी बहुत जरूरी है। अगर आप यह मानते हैं कि आप कभी अमीर नहीं बन पाएंगे, “मैं नहीं कर सकता” जैसे नकारात्मक विचारों में विश्वास रखते हैं, तो आप उसी दिशा में आगे बढ़ेंगे और कभी सफलता नहीं पा सकेंगे। लेकिन अगर आप यह सोचते हैं कि “मैं सफल होऊँगा, मैं कर सकता हूँ, मैं अमीर बन जाऊँगा,” तो ऐसे सकारात्मक विचारों में विश्वास करना आपको सफलता की ओर ले जाता है।

बहुत से लोग अपने लक्ष्य पर विश्वास नहीं रख पाते क्योंकि उन्हें खुद पर विश्वास नहीं होता। उनमें आत्मविश्वास (Self Confidence) की कमी होती है। आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए आपको खुद के बारे में सकारात्मक सोच रखनी होगी, अपनी तारीफ करनी होगी, अपने कामों को सराहना होगा और छोटी-छोटी उपलब्धियों को सेलिब्रेट और एंजॉय करना होगा। ऐसा करने से आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा और आप अपने लक्ष्य और खुद पर कभी संदेह नहीं करेंगे।

आत्मविश्वास बढ़ाने के फॉर्मूला

लेखक ने आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए पांच अभ्यास सुझाए हैं:

  • विश्वास रखें कि आप अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में सक्षम हैं। और इस पर विश्वास रखें, चाहे जो भी हो।
  • हर दिन 30 मिनट बिताकर यह जानें कि आप किस तरह का व्यक्ति बनना चाहते हैं।
  • हर दिन दस मिनट का समय अपनी आत्मविश्वास भावना को बढ़ाने के लिए समर्पित करें।
  • अपने लक्ष्य के विवरण को लिखें, और जब तक आप उसे हासिल न कर लें, तब तक हार न मानें।
  • ध्यान रखें कि अगर आपने अपने लक्ष्य को अनुचित तरीके से प्राप्त किया, तो लंबी अवधि में आपको सफलता नहीं मिलेगी। इसलिए हमेशा लोगों के भले के लिए काम करें और दूसरों को नुकसान न पहुँचाए । नकारात्मक सोच के साथ काम करने की कोशिश कभी न करें।

इस प्रकार से आत्मविश्वास का निर्माण आपको आपके लक्ष्यों को पूरा करने के लिए और भी प्रेरित करेगा। अपने आत्मविश्वास को मजबूत बनाएं, और विश्वास रखें कि आप अपने सपनों को सच कर सकते हैं।

3. आत्म-सुझाव (Autosuggestion)

Think and Grow Rich_Autosuggestion

आत्मसुझाव हमारे विचारों (thought) को control करने और उन्हें अंतर्मन (subconscious mind) तक पहुंचाने का एक माध्यम है। अपने दिमाग में अपने लक्ष्य को गहराई से डालने के लिए आत्म-सुझाव का इस्तेमाल करना जरूरी है। आत्म-सुझाव का मतलब है खुद को लगातार सुझाव देना। यह एक प्रक्रिया है जिसमें आप खुद को लगातार बताते हैं कि आप सफल होंगे, आप अमीर होंगे, और यह प्रक्रिया आपके अवचेतन मन (subconscious mind) को प्रशिक्षित करती है ताकि वह आपके विश्वासों को हकीकत में बदल सके। आपके मन में लक्ष्य को पाने का विश्वास बनाए रखने के लिए आत्म-सुझाव का महत्वपूर्ण भूमिका है। जब हम किसी चीज़ के बारे में बार-बार सोचते हैं, तो वह हमारे सबकॉन्शियस माइंड में बैठ जाती है और हम उस पर विश्वास करने लगते हैं। हमारा आत्म-सुझाव सकारात्मक या नकारात्मक दोनों हो सकता है। यह हमारी पसंद है कि हम किस विचार को अपने सबकॉन्शियस माइंड में भेजना चाहते हैं, जिससे हमारा विश्वास मजबूत हो।

लेखक इन तीन steps को पहले के छह steps में शामिल करने का सुझाव देते हैं:

  • किसी शांत स्थान पर जाएं (रात का समय सबसे उपयुक्त होगा)। वहाँ, बिना किसी विघ्न के, अपनी आँखें बंद करें और उस धनराशि के बारे में सोचें, जिसे आप चाहते हैं। फिर उसे जोर से दोहराएं (ताकि आप खुद अपने शब्द सुन सकें), जैसे कि आप उसे पाना चाहते हैं, उस समय सीमा के बारे में सोचें, जिसमें आप यह धनराशि प्राप्त करना चाहते हैं, और साथ ही उस सेवा या वस्तु का भी वर्णन करें, जो आप उस पैसे के बदले में देना चाहते हैं।
  • इस प्रक्रिया को सुबह और रात को दोहराएं, जब तक कि आप अपनी कल्पना में उस धनराशि को न देख लें, जिसे आप पाना चाहते हैं।
  • अपने लक्ष्य को लिखकर वहां रखें और इसे सोने से पहले और जागने के बाद पढ़ें, जब तक कि यह आपको पूरी तरह याद न हो जाए।

याद रखें कि आप आत्म-सुझाव की प्रक्रिया का पालन कर रहे हैं, जिसका उद्देश्य आपके अंतर्मन को आदेश देना है। यह भी याद रखें कि आपका विचार केवल तभी आपके अंतर्मन में पहुंचता है, जब वह भावना के साथ जुड़ा होता है। विश्वास सभी भावनाओं में सबसे शक्तिशाली और रचनात्मक भावना है। और आपके विचारों पर विश्वास रखने का मतलब है कि वह विचार अंतर्मन में पहुँचते हैं, जो आत्म-सुझाव से संभव है।

4. विशेष ज्ञान (Specialized Knowledge)

इस चैप्टर में बताया गया है कि ज्ञान दो प्रकार का होता है: पहला General Knowledge और दूसरा Special Knowledge। General Knowledge हमारी सामाजिक जिंदगी में मददगार होता है, जैसे कि लोगों से बातचीत करना और नेटवर्क बनाना। लेकिन यह हमें अमीर नहीं बना सकता। किसी विषय में आपके पास सीमित और सामान्य ज्ञान होने से आप उसे सही तरीके से उपयोग नहीं कर पाएंगे और उसका पूरा लाभ नहीं उठा पाएंगे। आम तौर पर, पैसा कमाने में Common Sense और General Knowledge का बहुत कम योगदान होता है। आपका ज्ञान तभी पैसा बना सकता है जब वह unique और special हो।

Special Knowledge का मतलब है कि जिस भी क्षेत्र में आप success पाना चाहते हैं, उस क्षेत्र का गहरा ज्ञान आपके पास होना चाहिए। यह हमारे लिए बहुत मददगार होता है। अगर आप किसी खास क्षेत्र में सफल होना चाहते हैं, तो आपको उस क्षेत्र का खास ज्ञान प्राप्त करना होगा ताकि आप बेहतर तरीके से सोच सकें और काम कर सकें। अगर उसके बारे में आपको जानकारी नहीं है, तो आप उस क्षेत्र में कभी सफल नहीं हो सकते। लेकिन अगर उसका गहन ज्ञान रखते हैं, तो सफलता प्राप्त करना संभव है। लेकिन यह भी जरूरी है कि हमारे पास जो भी ज्ञान है, उसका सही समय और सही जगह पर उपयोग कर सकें।

अधिकतर प्रोफेसरों को किसी विषय का गहरा ज्ञान होता है और वे उसे सिखाने में निपुण होते हैं। लेकिन वे अपने ज्ञान को व्यवस्थित (organize) करने और उसका सही उपयोग करने में सक्षम नहीं होते। यही कारण है कि वे अमीर नहीं बन पाते।

लेखक का मानना है कि केवल ज्ञान से धन नहीं आता चाहे वह सामान्य ज्ञान हो या विशेष ज्ञान।। जब आप अपने ज्ञान को व्यवस्थित करके और सही तरीके से उसका उपयोग करते हैं, तभी आप धन कमा सकते हैं। कई सफल और अमीर व्यक्ति, जैसे थॉमस एडिसन और हेनरी फोर्ड, बहुत अधिक पढ़े-लिखे नहीं थे। इसका मतलब यह है कि अमीर होने के लिए बहुत पढ़ा लिखा होना होगा ऐसा बिलकुल नहीं है और जो पढ़े लिखे नहीं है वोह ज्ञानी नहीं है । ऑथर बताते है कि शिक्षा और ज्ञान अलग अलग चीज़ हैं। शिक्षित व्यक्ति वह होता है जो अपने ज्ञान को सही समय और सही स्थान पर उपयोग कर सके। अधिक पढ़ाई-लिखाई का यह मतलब नहीं कि आप ज्ञानवान और शिक्षित हो गए। इस किताब में ज्ञानवान और शिक्षित होने का मतलब है – आपको पता हो कि आपके पास जो भी ज्ञान है, उसे बाहरी दुनिया में कैसे उपयोग में लाया जाए और वह व्यक्ति यह जानता हो कि जिस खास ज्ञान की उसे कमी है, वह कहां से प्राप्त किया जा सकता है। इसका मतलब है कि किसी खास ज्ञान से भी ज्यादा जरूरी यह है कि आपको पता हो कि वह जानकारी कहाँ से मिलेगी।

एंड्रयू कार्नेगी के पास स्टील इंडस्ट्री या बिजनेस का गहरा ज्ञान नहीं था। लेकिन उन्हें बेचने की कला आती थी। उनके पास ऐसे विशेषज्ञों की एक टीम थी, जिसे लेखक मास्टर ग्रुप कहते हैं। यह मास्टर ग्रुप उनकी जरूरत के अनुसार विशेषज्ञता और ज्ञान प्रदान करता था।

इसलिए सफलता पाने के लिए जरूरी है कि आप ऐसे खास ज्ञान को हासिल करें, जिससे आप अपनी किस्मत बदल सकें और धन कमा सकें। अगर किसी काम के लिए आपको अपने ज्ञान से ज्यादा जानकारी की आवश्यकता है, तो लेखक की सलाह है कि आप एक Mastermind Group बनाएं। इसका मतलब है कि ऐसा समूह तैयार करें, जिसमें ऐसे लोग हों जिनके पास वह खास जानकारी हो जो आपके लक्ष्य को हासिल करने में आपकी मदद कर सके। हर क्षेत्र के सफल लोग अपने मुख्य लक्ष्य और व्यवसाय से संबंधित विशेष ज्ञान को लगातार बढ़ाते रहते हैं। शिक्षा समाप्त होने के बाद भी सीखने का दौर कभी खत्म नहीं होता। स्कूल की पढ़ाई केवल एक मार्गदर्शक है, जो व्यावहारिक ज्ञान हासिल करने की दिशा दिखाती है। याद रखें, जो इंसान स्कूल की पढ़ाई को ही सब कुछ मानकर सीखना बंद कर देता है, वह हमेशा एक मामूली इंसान बनकर रह जाता है।

5. कल्पना (Imagination)

कल्पना एक कार्यशाला (Workshop) है जहाँ आप अपने विचारों (thoughts) और योजनाओं (plans) को एक आकार देते हैं। आप का जो भी लक्ष्य है, जो भी आप पाना चाहते हैं, वह वास्तव में कैसा होगा, आप कल्पना के माध्यम से उसका अनुभव कर सकते हैं। आप जिस योजना से आगे बढ़ते हुए अपने लक्ष्य को प्राप्त करेंगे, वह हर चीज़ आप कल्पना कर सकते हैं। कल्पना करना आपको अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में प्रेरित करता है। कल्पना वह साधन है जिसके द्वारा हम अपने सपनों को वास्तविकता में बदल सकते हैं। हिल कहते हैं कि आपकी कल्पना जितनी अधिक विस्तृत और गहरी होगी, उतना ही बेहतर आप अपने लक्ष्यों को हासिल कर पाएंगे। यह आपके दिमाग में नए विचारों और अवसरों को उत्पन्न करती है।

नेपोलियन हिल के अनुसार, कल्पना दो प्रकार की होती है – सिंथेटिक (Synthetic) और क्रिएटिव (Creative)

सिंथेटिक कल्पना: इस प्रकार की कल्पना में हम अपनी पुरानी सोच, विचारों और योजनाओं को नए तरीके से जोड़ते हैं। इसका मतलब है कि हम अपने पुराने अनुभवों और ज्ञान का पुनः उपयोग करके एक नई दिशा में सोचने की कोशिश करते हैं। यह प्रक्रिया रचनात्मक नहीं होती, बल्कि हम जो पहले जानते थे, उसे एक नया रूप देते हैं।

उदाहरण: मान लीजिए आपने किसी पुराने बिजनेस मॉडल को देखा है। अब आप उसी मॉडल को सुधारने की कोशिश करते हैं, जैसे आपने पहले किसी पुरानी गाड़ी के इंजन को नया रूप दिया हो, तो यह संशोधित कल्पना होगी।

क्रिएटिव कल्पना: इस कल्पना का उपयोग आप नई चीजों को बनाने और नए विचारों को जन्म देने के लिए करते हैं। रचनात्मक कल्पना की मदद से इंसान अपने विचारों और भावनाओं को व्यक्त कर सकता है और अपने उद्देश्य की ओर बढ़ सकता है। इस तरह की कल्पना तब काम करती है जब व्यक्ति का मन तेज गति से काम कर रहा हो, जैसे कि किसी गहरी इच्छा या भावना के कारण। जब कोई इंसान पूरी तरह से किसी विषय में लीन हो जाता है, तब रचनात्मक कल्पना अपने आप कार्य करने लगती है। इसका उदाहरण है जब किसी लेखक या कलाकार को अचानक से एक नई और शानदार विचारधारा आती है, जो उसने पहले नहीं सोची थी। यह प्रक्रिया उस समय सक्रिय होती है, जब व्यक्ति अपने अंदर के विचारों को सच्चाई और नवीनता से जोड़ने के लिए तैयार होता है।

इच्छा केवल एक विचार और एक भावना होती है, जो धुंधली और अव्यक्त होती है। जब तक हम अपनी इच्छा को ठोस रूप में बदलने के लिए ठोस कदम नहीं उठाते, तब तक इसका कोई मूल्य नहीं होता। Synthetic imagination (संशोधित कल्पना) की मदद से हम अपनी इच्छाओं को ठोस रूप में बदल सकते हैं। अपनी इच्छा को वास्तविक रूप में लाने के लिए आपको एक सटीक योजना बनानी होगी, और यह योजना केवल synthetic imagination (संशोधित कल्पना) से ही संभव है। यह कल्पना पुराने विचारों और अनुभवों का उपयोग करके नए रास्तों और योजनाओं का निर्माण करती है, जो हमें अपने लक्ष्य तक पहुँचने में मदद करती है।

संशोधित कल्पना (synthetic imagination) हमारे विचारों और इच्छाओं को एक ठोस रूप में बदलने का कार्य करती है, जबकि रचनात्मक कल्पना (creative imagination) हमारी भावनाओं से जुड़ी होने के कारण हमें अपनी इच्छाओं को जल्दी और प्रभावी ढंग से प्राप्त करने की क्षमता प्रदान करती है। जब आप अपनी इच्छा को रचनात्मक कल्पना के साथ जोड़ते हैं, तो आपकी इच्छा साकार होने की संभावना बढ़ जाती है। क्रिएटिव कल्पना को मजबूत बनाना आसान नहीं है। यह निरंतर विकास और अभ्यास से संभव है।

हमारे विचार ही हमारे जीवन की दिशा तय करते हैं, और यह विचार कल्पना से उत्पन्न होते हैं। यहां पर लेखक एक युवा की कल्पना शक्ति की ताकत के बारे में बात करते हैं। जिस व्यक्ति ने कोका-कोला का फॉर्मूला बनाया था, उसके पास यह कल्पना नहीं थी कि यह सॉफ्ट ड्रिंक कभी इतना बड़ा ब्रांड बन सकता है। उसने सॉफ्ट ड्रिंक की यह फॉर्मूला एक युवा को बेच दिया। लेकिन उस युवा के मन में एक बड़ी कल्पना थी – “मैं इस सॉफ्ट ड्रिंक को पूरी दुनिया में बेचूंगा।” उस युवा ने अपनी कल्पना को हकीकत में बदल दिया। उसने कोका-कोला को एक मल्टी-बिलियन डॉलर कंपनी बना दिया, जिसे आज पूरी दुनिया जानती है। सब कुछ विचारों से शुरू होता है। अगर आप अपने विचारों और अपनी इच्छाओं से जुड़ते हैं, तो आपके लक्ष्य को पाने की संभावना काफी बढ़ जाती है।

इसलिए, अपने लक्ष्य को पाने के लिए अपने मन का सही उपयोग करें। ध्यान रखें कि किसी भी आइडिया को सफल बनाने के लिए उसे कल्पना में साकार करना जरूरी है। उन तस्वीरों की कल्पना करें जो आप अपनी जिंदगी में हासिल करना चाहते हैं। जब आप अपनी सोच को सपनों में महसूस करने लगेंगे, तो उस लक्ष्य को पाने के लिए बेहतर तरीके से काम करना शुरू कर देंगे।

सुझाव:

  • हर दिन 15-20 मिनट का समय केवल कल्पना करने के लिए निकालें।
  • नए विचारों को एक डायरी में लिखें, फिर उन्हें व्यावहारिक योजना में बदलें। कल्पनाओं और इच्छाओं को लिखकर और उनके लिए एक ठोस योजना बनाकर उन्हें वास्तविकता में बदला जा सकता है। यह “लिखने और योजना बनाने” की प्रक्रिया को अमीर बनने की दिशा में पहला कदम बताता है।

6. संगठित योजना (Organized Planning)

सफलता पाने के लिए केवल सपने देखना और कल्पना करना पर्याप्त नहीं है, बल्कि उसके लिए एक संगठित योजना भी बनानी होगी। आपको अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए रणनीतियों और कदमों को संगठित करना होगा, ताकि आप अपने कार्यों को सही दिशा में ले जा सकें। सफलता पाने के लिए सबसे पहले एक स्पष्ट और ठोस योजना बनाना जरूरी होता है। इसके साथ ही उस योजना को बिना देर किए अमल में लाना भी महत्वपूर्ण है। अगर आपके पास सभी संसाधन मौजूद नहीं हैं, तब भी आपको छोटे कदमों से शुरुआत करनी चाहिए और अपने प्रयास जारी रखने चाहिए। योजना पर काम करते हुए, आप समय के साथ जरूरी संसाधन और अनुभव जुटा सकते हैं। आपको सही तरीके से योजना बनाने का मतलब है यह समझना कि आप जिस क्षेत्र में सफलता पाना चाहते हैं, उसकी शुरुआत कैसे करनी है, किन-किन लोगों से जुड़ना है, उन सभी लोगों से संबंध कैसे बनाए रखना है, अपनी सेवाओं को किस हद तक बेहतर तरीके से प्रदान करना है और किन-किन कारणों से हम असफल हो सकते हैं, इन सब पर ध्यान देना और उन्हें समझना। अगर पहली योजना सफल नहीं होती, तो उसे बदलकर एक नई योजना बनानी चाहिए और उसे फिर से प्रयास करना चाहिए। यह बात बिलकुल सच है कि जो लोग प्रयास करने से भागते हैं, वे कभी नहीं जीतते, और जो जीतने वाले लोग होते हैं, वे कभी नहीं भागते। थॉमस एडीसन ने 10,000 बार असफलता का सामना किया था, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और अंततः सफलता प्राप्त की।

लेखक ने धन कमाने की योजना बनाने और उसे साकार करने के लिए कुछ कदम बताए हैं:

  • मास्टरमाइंड समूह बनाना ज़रूरी है। इसके लिए आपको उन लोगों से जुड़ने की आवश्यकता है, जो आपके उद्देश्य को पूरा करने में मदद कर सकते हैं।
  • मास्टरमाइंड समूह बनाने से पहले यह तय करें कि आप उन्हें किस रूप में लाभ देंगे। किसी को बिना लाभ के सहयोग करने की उम्मीद नहीं करनी चाहिए।
  • समूह से कम से कम दो बार मिलें, और जितना हो सके, मिलकर अपनी योजना को पूरा करें।
  • मास्टरमाइंड समूह में तालमेल बहुत महत्वपूर्ण है। सभी सदस्यों के साथ अच्छा तालमेल बनाए रखें, ताकि सफलता की ओर आपका रास्ता खुल सके।

लीडरशिप के मुख्य गुण:

लेखक हमें अपने क्षेत्र में सफल होने के लिए लीडरशिप स्किल्स को बढ़ाने की सलाह देते हैं और इसके साथ ही लीडरशिप के कुछ महत्वपूर्ण गुणों को भी हाइलाइट करते हैं।

  • अविचल साहस (Unwavering Courage): आत्मविश्वास और ज्ञान पर आधारित साहस से ही अनुयायियों का भरोसा जीत सकते हैं।
  • आत्म-नियंत्रण (Self-Control): खुद पर नियंत्रण रखने वाला व्यक्ति दूसरों का प्रभावी नेतृत्व कर सकता है।
  • न्यायपूर्ण आचरण (A keen sense of justice): बिना न्याय के अनुयायियों का सम्मान नहीं पाया जा सकता।
  • निर्णय की स्पष्टता (Definiteness of Decision): स्पष्ट और दृढ़ निर्णय लेने की क्षमता जरूरी है।
  • योजनाओं की स्थिरता (Definiteness of Plans): योजनाबद्ध तरीके से काम करना आवश्यक है।
  • अधिक देने की आदत (The Habit of doing more than paid for): अनुयायियों से अपेक्षा करने से पहले खुद से देने की प्रवृत्ति होनी चाहिए।
  • सुखद व्यक्तित्व (A Pleasant Personality): लापरवाह व्यक्ति प्रभावी नेता नहीं बन सकता।
  • सहानुभूति और समझ (Sympathy and Understanding): अनुयायियों की समस्याओं और जरूरतों को समझना चाहिए।
  • विवरण की कुशलता (Mastery of Detail): छोटी से छोटी बात पर ध्यान देना लीडरशिप का गुण है।
  • पूरी जिम्मेदारी लेने की इच्छा (Willingness to Assume Full Responsibility): अनुयायियों की गलतियों की जिम्मेदारी भी लीडर को लेनी चाहिए।
  • सहयोग (Cooperation): मिलकर काम करने की भावना और दूसरों को प्रेरित करना आवश्यक है।

लीडरशिप दो तरह के होते हैं: पहला सहयोग और सहमति के साथ नेतृत्व ((Leadership by Consent) और दूसरा शक्ति के बल पर नेतृत्व (Leadership by Force)। इतिहास गवाह है कि शक्ति के बल पर किया गया नेतृत्व लंबे समय तक नहीं चलता, जैसे नेपोलियन, हिटलर और मुसोलिनी ने किया था। सफल नेतृत्व केवल सहमति और सहयोग से ही संभव है, जो आपको आपके लक्ष्य तक पहुँचाने में मदद करता है।

लीडरशिप में असफल होने के दस मुख्य कारण

इस अध्याय में लेखक बताते हैं कि एक नेता को क्या करना चाहिए, साथ ही यह भी समझाते हैं कि क्या नहीं करना चाहिए। यह जानना भी उतना ही महत्वपूर्ण है कि असफलता से बचने के लिए कौन-सी गलतियाँ नहीं करनी चाहिए।

  • विवरण व्यवस्थित करने की अयोग्यता:
    एक प्रभावी लीडर को अपने काम और उससे जुड़ी बारीकियों को व्यवस्थित करने की क्षमता होनी चाहिए। जो लीडर आपातकालीन परिस्थितियों का सामना नहीं कर पाता और योजनाओं में बदलाव करने में असमर्थ रहता है, वह अपनी अयोग्यता दर्शाता है।
  • सेवा देने की अनिच्छा:
    सच्चे और महान नेता वही होते हैं, जो दूसरों से जो उम्मीद करते हैं, उसे पहले खुद करने के लिए तैयार रहते हैं।
  • ज्ञान के बदले भुगतान की अपेक्षा:
    दुनिया ज्ञान के लिए नहीं, बल्कि उस ज्ञान के उपयोग और प्रभाव के लिए भुगतान करती है।
  • प्रतिस्पर्धा का डर:
    जो नेता अपने सहकर्मियों से प्रतिस्पर्धा करने से डरता है, वह उन्हें बेहतर बनाने का प्रयास नहीं करता। प्रभावी नेता दूसरों को सशक्त बनाकर अपनी जिम्मेदारियों को साझा करता है।
  • कल्पनाशीलता का अभाव:
    बिना कल्पनाशक्ति के कोई भी लीडर आपातकालीन परिस्थितियों का सामना नहीं कर सकता।
  • स्वार्थ:
    जो लीडर अपने अधीनस्थों के काम का सारा श्रेय खुद लेता है, वह अपने अनुयायियों का विश्वास खो देता है। महान नेता श्रेय और सम्मान अपने टीम को देता है।
  • असंयम:
    अनुशासन की कमी किसी भी लीडर की छवि को खराब कर देती है। असंयमित व्यक्ति का प्रभाव और सम्मान कम हो जाता है।
  • निष्ठा का अभाव:
    एक लीडर के लिए वफादारी अत्यंत महत्वपूर्ण है। निष्ठा के बिना कोई भी नेता लंबे समय तक सफल नहीं रह सकता।
  • शक्ति का दुरुपयोग:
    जो लीडर केवल डर और शक्ति के बल पर नेतृत्व करता है, वह प्रभावशाली लीडरशिप नहीं कर पाता। सच्चे नेता सहानुभूति, न्याय और समझदारी से लोगों का दिल जीतते हैं।
  • ओहदे पर जोर देना:
    सच्चे लीडर को पदवी की जरूरत नहीं होती। उनका काम ही उनकी पहचान बनता है।

यह सभी कारण लीडरशिप में असफलता का मुख्य कारण बन सकते हैं। यदि आप एक प्रभावी लीडर बनना चाहते हैं, तो इन गलतियों से बचें।

असफलता के मुख्य कारण:

बहुत से लोग अपने जीवन में असफल हो जाते हैं। ये कारण मुख्य रूप से व्यक्ति की मानसिकता, आदतों, जीवन की दिशा और परिस्तिथियों से जुड़े हुए हैं। यदि इन कारणों पर ध्यान नहीं दिया जाए तो सफलता प्राप्त करना कठिन हो सकता है। यहां असफलता के 30 मुख्य कारण दिए गए हैं:

  1. हानिकारक आनुवंशिक पृष्ठभूमि (Unfavorable Hereditary Background): ऐसे लोग जिनका मानसिक रूप से विकास कमजोर होता है, उनके लिए सफलता प्राप्त करना कठिन हो सकता है।
  2. जीवन में स्पष्ट लक्ष्य का अभाव (Lack of Well-defined Purpose of Life): यदि किसी व्यक्ति के पास जीवन का उद्देश्य और लक्ष्य नहीं है, तो सफलता की उम्मीद नहीं की जा सकती।
  3. औसत से ऊपर उठने की महत्त्वाकांक्षा का अभाव (Lack of Ambition to aim above Mediocrity): ऐसे व्यक्ति जो अपनी स्थिति से संतुष्ट रहते हैं और आगे बढ़ने की इच्छा नहीं रखते, वे असफल होते हैं।
  4. अपार्फेक्ट शिक्षा (Insufficient Education): सही शिक्षा की कमी सफलता की राह में बड़ा अवरोध हो सकती है।
  5. आत्म- अनुशासन की कमी (Self-Discipline): आत्म-नियंत्रण की कमी से किसी भी लक्ष्य को प्राप्त करने में कठिनाई होती है।
  6. खराब स्वस्थ (Ill Health): खराब health होने पर आप अपने काम पर फोकस नहीं कर पाएंगे।
  7. बचपन में खराब माहौल (Unfavorable Environmental Influences during Childhood): जो लोग कठिन माहौल में पले-बढ़े होते हैं, उनकी मानसिकता और जीवन में संघर्ष हो सकता है।
  8. टालमटोल (Procrastination): किसी कार्य को शुरू करने से पहले हमेशा सही समय का इंतजार करना, सफलता से दूर कर सकता है।
  9. लगन का अभाव (Lack of Persistence): किसी काम में गहरी लगन की कमी, व्यक्ति को उसकी मंजिल से दूर कर सकती है।
  10. नकारात्मक मानसिकता (Negative Personality): नकारात्मक विचार व्यक्ति को दूसरों से दूर कर देते हैं और सफलता की संभावना को खत्म कर देते हैं।
  11. काम की इच्छा का नियंत्रण (Lack of Controlled Sexual Urge): इच्छाओं और ऊर्जा का सही दिशा में उपयोग न करना भी असफलता का कारण बन सकता है।
  12. कुछ न बदलने की इच्छा (Uncontrolled Desire for something for nothing): जो लोग पुराने आदतों और रास्तों से नहीं निकलते, वे सफलता को प्राप्त नहीं कर पाते।
  13. निर्णय लेने की क्षमता का अभाव (Lack of a well-defined power of decision): जो लोग समय पर और सही निर्णय नहीं ले पाते, वे अक्सर असफल होते हैं।
  14. मूलभूत डर (One or more of the six basic fears): जीवन में कई डर होते हैं जो सफलता की ओर जाने से रोकते हैं।
  15. गलत जीवन साथी का चुनाव (Wrong Selection of a mate in marriage): गलत जीवन साथी, असफलता का एक बड़ा कारण हो सकता है, क्योंकि जीवन साथी का प्रभाव मानसिकता और जीवन पर पड़ता है।
  16. अति सावधानी (Over-Caution): अत्यधिक सावधानी व्यक्ति को अवसरों से चूकने के लिए मजबूर कर देती है, जबकि जोखिम उठाना जरूरी है।
  17. गलत बिजनेस सलाह का चुनाव (Wrong Selection of Associates in Business): यदि आप ऐसे व्यक्तियों की सलाह लेते हैं जो खुद सफल नहीं हैं, तो सफलता मिलना कठिन हो सकता है।
  18. अंधविश्वास और पूर्वाग्रह (Superstition and Prejudice): सफलता के लिए खुले दिमाग की आवश्यकता होती है। अंधविश्वास और पूर्वाग्रह से व्यक्ति की सोच सीमित हो जाती है।
  19. गलत व्यवसाय का चुनाव (Wrong Selection of a Vocation): यदि आप ऐसा व्यवसाय चुनते हैं जो आपकी रुचि का नहीं है, तो सफलता प्राप्त करना मुश्किल हो सकता है।
  20. कोशिश की कमी (Lack of Concentration of Effort): अगर आप किसी कार्य में पूरी मेहनत और समर्पण से प्रयास नहीं करते, तो सफलता मिलना कठिन होता है।
  21. फिजूलखर्ची की आदत (The Habit of Indiscriminate Spending): पैसे की बर्बादी और बचत की आदत की कमी से आर्थिक असफलता हो सकती है।
  22. उत्साह का अभाव (Lack of Enthusiasm): उत्साह और ऊर्जा की कमी से लोग अपना उद्देश्य प्राप्त करने में असफल हो जाते हैं।
  23. अवसर को पहचानने में असमर्थता (Intolerance): जो लोग नए अवसरों को पहचानने में असमर्थ होते हैं, वे अक्सर असफल हो जाते हैं।
  24. असंयम (Intemperance): अगर व्यक्ति अपनी इच्छाओं पर नियंत्रण नहीं रख पाता, तो यह उसे असफल बना सकता है।
  25. दूसरों से सहयोग करने की अक्षमता (Inability to cooperate with others): यदि आप दूसरों से मिलकर काम करने में सक्षम नहीं हैं, तो आप कभी सफल नहीं हो सकते।
  26. जो आपने प्रयास किया है उससे सफल नहीं हुए (Possession of Power that was not acquired through self-effort): यदि आप बिना किसी योजना के केवल प्रयास करते हैं और सफल नहीं होते, तो यह आपके लिए असफलता का कारण बन सकता है।
  27. जानबूझकर गलत काम करना (Intentional Dishonesty): यदि आप जानबूझकर गलत काम करते हैं तो इसका परिणाम असफलता ही होता है।
  28. घमंड और अहंकार (Egotism and Vanity): घमंड और अहंकार के कारन लोग हमसे नहीं जुड़ पाते और जुड़े हुए लोग हमसे दूर हो जाते है।
  29. सोचने के वजाय अनुमान लगाना (Guessing instead of Thinking): अगर आप अपने व्यवसाय में सोचने की वजाय सारे काम अनुमान लगाकर करेंगे , तो यह असफलता का कारण हो सकती है।
  30. मानसिक स्वास्थ्य की अनदेखी (Lack of Capital): बहुत से व्यवसाय में कैपिटल पूंजी के आभाव से सफलता प्राप्त करना कठिन हो जाता है।

ये 30 कारण असफलता के प्रमुख कारक हैं, जिनसे व्यक्ति को बचकर रहना चाहिए।

7. निर्णय (Decision)

निर्णय लेने की क्षमता सफलता के रास्ते में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। 25000 असफल पुरुषों और महिलाओं पर किए गए एक अध्ययन से यह पता चला कि निर्णय लेने की कमी असफलता का सबसे बड़ा कारण है। टालमटोल की आदत, जो निर्णय लेने में बाधा डालती है, एक सामान्य कमजोरी है, जिसे हर किसी को दूर करना चाहिए। हिल बताते हैं कि अधिकतर असफल लोग फैसले लेने में असमर्थ होते हैं या निर्णय लेने में देर करते हैं। सफल लोग तेज और सही फैसले लेने में सक्षम होते हैं, जो उन्हें लक्ष्य की ओर तेजी से ले जाते हैं। जो लोग करोड़पति बने, उनमें से हर कोई तत्काल और दृढ़ निर्णय लेने की आदत रखता था जैसे हेनरी फोर्ड। वे अपने निर्णयों को आसानी से नहीं बदलते थे, और अगर बदलते भी थे तो सोच-समझकर। इसके विपरीत, जो लोग असफल हुए, वे निर्णय लेने में देर करते थे और लिए गए निर्णयों को बार-बार बदल देते थे।

अधिकांश लोग जो अपनी जरूरतों के हिसाब से धन कमाने में असफल रहते हैं, वे अक्सर दूसरों की राय से आसानी से प्रभावित हो जाते हैं। ऐसे लोग अपने लिए सोचने की बजाय, अखबारों, पड़ोसियों की गपशप और दूसरों के विचारों पर निर्भर रहते हैं। दुनिया में सबसे सस्ती चीज है राय (Opinion)। यह हर किसी के पास होती है, और लोग अपनी राय दूसरों पर थोपने में संकोच नहीं करते। जो लोग दूसरों की राय को बिना सोच-समझे मान लेते हैं, वे अपनी इच्छाओं और लक्ष्यों को कभी हासिल नहीं कर पाते। यदि आप निर्णय लेते समय दूसरों की राय से प्रभावित होते हैं, तो आप अपने सपनों को हकीकत में बदलने की संभावना को पहले ही खत्म कर देते हैं। किसी भी काम में सफल होने के लिए यह जरूरी है कि आप अपनी सोच पर भरोसा करें। अगर आप हमेशा दूसरों की राय पर निर्भर रहेंगे, तो आपकी खुद की कोई इच्छा या लक्ष्य नहीं बचेगा। सफलता पाने के लिए जरूरी है कि आप अपनी सोच को प्राथमिकता दें और दूसरों की राय के जाल में फंसने से बचें।

अपने मास्टर माइंड समूह के सदस्यों को छोड़कर, किसी अन्य व्यक्ति को अपनी योजनाओं और विचारों में शामिल न करें। मास्टर माइंड समूह के सदस्यों को चुनते समय यह सुनिश्चित करें कि वे आपके लक्ष्यों के प्रति पूरी सहानुभूति और उत्साह रखते हों। यह याद रखें कि यदि आप किसी ऐसे व्यक्ति के सामने अपनी योजनाओं का खुलासा करते हैं, जो ज्ञान की कमी या ईर्ष्या से भरा हो, तो आप अपने ज्ञान और रणनीति को जोखिम में डाल रहे हैं। सच्चा ज्ञान अक्सर विनम्रता और मौन में छिपा होता है। यह भी समझें कि दुनिया में हर व्यक्ति, आपकी ही तरह, धन और अवसर की तलाश में है। यदि आप अपनी योजनाओं के बारे में खुलकर बोलते हैं, तो हो सकता है कि वह व्यक्ति आपसे पहले ही आपकी योजना को क्रियान्वित कर ले। ऐसा करना आपकी खुद की लापरवाही का परिणाम हो सकता है। पहला और सबसे महत्वपूर्ण निर्णय यह होना चाहिए कि आप अपनी योजनाओं और विचारों को गोपनीय रखें। अपनी बातें दूसरों से साझा करने में सतर्क रहें और केवल उन्हीं लोगों को चुनें, जिन पर आपको पूरा भरोसा हो। “मुंह बंद रखें, लेकिन कान और आंखें हमेशा खुली रखें।” यही सफलता के लिए जरूरी सतर्कता का मूल मंत्र है।

निर्णय लेने का साहस ही उसकी सफलता को तय करता है। इतिहास गवाह है कि जिन लोगों ने अपने फैसलों पर विश्वास किया और तुरंत उन पर अमल किया, वे हमेशा सफल हुए। जो लोग तुरंत और दृढ़ता से निर्णय लेते हैं, वे जानते हैं कि वे क्या चाहते हैं और अक्सर उन्हें वही मिलता है। जीवन में किसी भी क्षेत्र में लीडर वे ही बनते हैं, जो त्वरित और दृढ़ निर्णय लेते हैं। यह उनका आत्मविश्वास और स्पष्टता है, जो उन्हें भीड़ से अलग करता है। दुनिया भी ऐसे लोगों का सम्मान करती है, जिनके शब्द और कार्य यह दिखाते हैं कि वे जानते हैं कि वे कहाँ जा रहे हैं।

अनिर्णय एक ऐसी आदत है, जो बचपन से ही शुरू हो जाती है। जैसे-जैसे व्यक्ति बड़ा होता है और स्कूल, कॉलेज के स्तर पर आगे बढ़ता है, यह आदत स्थायी बन जाती है। इसका परिणाम यह होता है कि लोग अपने जीवन के लक्ष्यों को लेकर कभी भी स्पष्ट नहीं हो पाते। कॉलेज से निकलने के बाद अधिकतर लोग केवल नौकरी की तलाश में लग जाते हैं। उन्हें जो भी पहली नौकरी मिलती है, उसे करना शुरू कर देते हैं, क्योंकि उनमें निर्णय लेने की क्षमता नहीं होती। यही वजह है कि 96% लोग केवल तनख्वाह के लिए काम कर रहे हैं, जबकि उनके पास कोई स्पष्ट योजना या लक्ष्य नहीं है। उदाहरण के लिए अगर आपको नौकरी बदलने का फैसला लेना है, तो उसे टालें नहीं। अपने फायदे-नुकसान पर विचार करके तुरंत निर्णय लें और उसे लागू करें।

याद रखें निर्णय लेने में देरी आपको पीछे कर देती है। किसी भी योजना को सफल बनाने के लिए उसे एक्शन प्लान में बदलना बेहद जरूरी है। समय-सीमा के अंदर निर्णय लें और उस पर डटे रहें। सफल लोग हमेशा अपने फैसलों पर अमल करते हैं और असफलता से सीखकर आगे बढ़ते हैं। निर्णय लेने से पहले जानकारी इकट्ठा करें, लेकिन अनिश्चितता में न रहें। अनिर्णय से बचें और हर कदम को आत्मविश्वास के साथ उठाएँ।

8. लगन (Persistence)

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सफलता का पहला कदम आपकी चाहत को आर्थिक रूप में बदलने की दिशा में मजबूत लगन होना है। लगन का आधार आपकी इच्छाशक्ति होती है। अमीर बनने के लिए इच्छाशक्ति और लगन का मेल होना जरूरी है। जब इच्छा और दृढ़ निश्चय मिल जाते हैं, तो यह एक ऐसा अटूट संयोजन बन जाता है, जो किसी भी बाधा को पार कर सकता है। जिन्होंने इतिहास रचा है या बड़ी संपत्ति बनाई है, वे अपने लक्ष्य के प्रति पूरी तरह समर्पित थे। उनकी लगन को लोग कभी-कभी गलत समझते थे, जैसे हेनरी फोर्ड को कई बार जिद्दी और अभिमानी कहा गया, लेकिन उनकी लगन और समर्पण ने ही उन्हें अमीर बनाया।

अधिकतर लोग पहली मुश्किल या परेशानी आते ही अपने लक्ष्य को छोड़ देते हैं। लेकिन जो असली विजेता होते हैं, वे हर विरोध के बावजूद तब तक कोशिश करते रहते हैं, जब तक अपने लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर लेते। अगर आपकी इच्छाएँ कमजोर हैं, तो परिणाम भी कमजोर होंगे। जैसे धीमी आग से कम गर्मी मिलती है। अपनी चाहत को इतना मजबूत करें कि वह आपकी लगन को प्रेरित करे। अगर आपमें लगन का अभाव है, तो यह आपकी इच्छा की कमजोरी का संकेत है। इसे दूर करने के लिए अपने लक्ष्य को बार-बार याद करें और उस पर काम करें। अगर आपकी लगन कमजोर लग रही हो, तो अपना ध्यान मास्टर माइंड समूह पर केंद्रित करें। अपने आस-पास ऐसे लोगों का समूह बनाएं, जो आपके लक्ष्य को समझें और आपका समर्थन करें। इस समूह के सहयोग और प्रयास से आप अपनी लगन को मजबूत और विकसित कर सकते हैं।

जो लोग हारने के बाद खुद को संभालते हैं और लगातार कोशिश करते रहते हैं, वे अंत में सफल होते हैं। तब दुनिया कहती है, “शाबाश, हमें पता था तुम कर सकते हो।” लगन का इम्तिहान हर किसी को देना पड़ता है, और इसके बिना कोई भी बड़ी सफलता हासिल नहीं कर सकता। जो लोग इस परीक्षा को पास करते हैं, उन्हें उनके लक्ष्य के साथ-साथ यह समझ भी मिलती है कि हर असफलता अपने साथ एक बराबर के लाभ का अवसर लेकर आती है। ब्रूस ली, जो एशिया में मार्शल आर्ट्स के प्रतीक बने, ने अपनी लगन से दुनिया में नाम कमाया। चीन से अमेरिका पहुंचे ली ने शुरुआती दिनों में कंग-फू में महारथ हासिल की और इसके शिक्षक बने। उनका असली सपना अभिनेता बनने का था। हालांकि, टीवी सीरीज में एक बड़ा रोल किसी और को मिलने से वे निराश हुए और एक्टिंग छोड़ने का विचार करने लगे। लेकिन एशियाई समुदाय ने उन्हें हार न मानने की प्रेरणा दी। ली ने अपने प्रयास जारी रखे और मार्शल आर्ट्स के जरिए फिल्मों में अपनी पहचान बनाई। उनकी लगन और मेहनत ने उन्हें एक वैश्विक आइकन बना दिया।

लगन एक मानसिक अवस्था है, जिसे विकसित किया जा सकता है। यह कुछ खास कारणों पर आधारित होती है, जिनमें शामिल हैं:

  • स्पष्ट उद्देश्य (Definiteness of purpose): यदि आप यह जानेंगे कि आप क्या चाहते हैं, तो यह आपकी लगन को विकसित करने का पहला और महत्वपूर्ण कदम होगा।
  • चाहत (Desire): जब किसी चीज़ को पाने की आपकी गहरी इच्छा होती है, तो उसे प्राप्त करने के लिए लगन रखना आसान हो जाता है।
  • आत्मनिर्भरता (Self-Reliance): जब आपको अपनी योजना को सफलतापूर्वक पूरा करने पर विश्वास होता है, तो आप उसे लगन से पूरा करने की दिशा में कदम बढ़ाते हैं।
  • योजनाओं की स्पष्टता (Definiteness of Plans): यदि आपकी योजनाएं स्पष्ट और व्यावहारिक हैं, तो यह आपकी लगन को मजबूत बनाती हैं।
  • सटीक जानकारी: (Accurate Knowledge) जब आपके पास योजनाओं की सटीक जानकारी होती है और वह अनुभव या अवलोकन पर आधारित होती है, तो आपकी लगन सशक्त होती है।
  • सहयोग (Co-operations): दूसरों का सहयोग, समझ और समर्थन आपकी लगन को और मजबूत करता है।
  • इच्छाशक्ति (Will Power): किसी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए लगातार योजनाएं बनाना और अपने विचारों को नियंत्रित करना लगन को बढ़ावा देता है।
  • आदत (Habit): लगन आदत का परिणाम होती है। यह हमारी दैनिक आदतों का हिस्सा बनती है और हमें बार-बार साहसपूर्ण कार्य करने की आदत डालती है, जिससे हम अपने डर को जीत सकते हैं।

इन सभी पहलुओं को समझकर और अपनाकर आप अपनी लगन को मजबूत बना सकते हैं और अपने लक्ष्य की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं।

लगन को समझने और विकसित करने के लिए हमें अपनी कमजोरियों की पहचान करनी होती है। यदि आप अपनी लगन को सही दिशा में विकसित करना चाहते हैं, तो सबसे पहले अपनी आदतों और मानसिकताओं का विश्लेषण करें। यहाँ कुछ सामान्य कमजोरियाँ हैं, जिन्हें पहचानकर आप सुधार सकते हैं:

  • स्पष्टता की कमी: यह जानना कि आप क्या चाहते हैं, बहुत जरूरी है, क्योंकि बिना स्पष्ट उद्देश्य के लगन को बनाए रखना मुश्किल होता है।
  • टालमटोल की आदत: अक्सर लोग कामों को टालते रहते हैं, चाहे इसके पीछे कोई भी कारण हो, और इससे काम में बाधा आती है।
  • विशेष ज्ञान की कमी: अगर आपको अपने लक्ष्य की दिशा में आवश्यक ज्ञान नहीं है, तो लगन को बनाए रखना कठिन हो सकता है।
  • संकट का सामना करने में असमर्थता: हर अवसर पर दूसरों को जिम्मेदारी सौंपना और खुद संघर्ष से बचना, यह मानसिकता लगन में रुकावट डालती है।
  • योजना की कमी: बिना स्पष्ट योजना के काम करना अक्सर समय और संसाधनों की बर्बादी होती है।
  • आत्मसंतुष्टि: आत्मसंतुष्टि की भावना लगन को कमजोर कर सकती है, क्योंकि आप अपने लक्ष्य के प्रति जागरूक नहीं रहते।
  • उदासीनता: समझौता करना और समस्याओं का सामना न करना, यह मानसिकता भी लक्ष्य तक पहुंचने में रुकावट डालती है।
  • गलतियों का दोष दूसरों पर डालना: अपनी गलतियों को स्वीकार करना और उनसे सीखना जरूरी है। दूसरों पर दोष डालने से आप आगे नहीं बढ़ सकते।
  • कमजोर चाहत: यदि आपकी चाहत मजबूत नहीं है, तो आप अपने लक्ष्य को हासिल नहीं कर पाएंगे।
  • पराजय से डर: असफलता का डर और जल्दी हार मान लेना, यह आदतें आपकी लगन को कमजोर कर देती हैं।
  • अस्पष्ट योजनाएँ: बिना सही योजना के काम करना आपके उद्देश्य को प्रभावित करता है।
  • अवसरों का लाभ न उठाना: जब अवसर आए, तो उसे पहचानकर लाभ उठाना जरूरी होता है।
  • आलोचना का डर: आलोचना का डर भी एक बड़ी मानसिक रुकावट हो सकती है। कई लोग इस डर से बचते हैं कि लोग क्या कहेंगे या क्या सोचेंगे, जिससे वे अपने कार्यों को शुरू ही नहीं करते या बीच में ही छोड़ देते हैं। आलोचना से डरने की आदत आपकी प्रगति को रोक सकती है।

इन कमजोरियों को पहचानकर आप अपने भीतर सुधार ला सकते हैं और अपनी लगन को मजबूती से विकसित कर सकते हैं।

लगन कैसे विकसित करें? लगन को आदत में बदलने के लिए चार सरल कदम हैं:

  • स्पष्ट उद्देश्य – एक मजबूत इच्छा होनी चाहिए, ताकि उद्देश्य के प्रति प्रतिबद्धता बनी रहे।
  • योजना बनाएं – एक ठोस योजना तैयार करें और उस पर निरंतर काम करें।
  • नकारात्मक विचारों से बचें – अपने दिमाग को नकारात्मकता से बचाएं और दूसरों के निराशाजनक सुझावों से दूर रहें।
  • सकारात्मक समर्थन – एक सकारात्मक नेटवर्क से जुड़ें जो आपकी योजना और लक्ष्य में मदद करता हो।

यह कदम सफलता की कुंजी हैं। इनसे आप अपनी आर्थिक स्थिति, मानसिक स्थिति और सफलता की दिशा को नियंत्रित कर सकते हैं। यही कदम आपको खुद के सपनों को हकीकत में बदलने और जीवन में सफलता पाने के लिए मार्गदर्शन देते हैं।

उदाहरण के तौर पर, थॉमस एडीसन ने अपनी असफलताओं के बावजूद अपनी मेहनत और लगन से कई महत्वपूर्ण आविष्कार किए। उनकी सफलता यह दर्शाती है कि जब तक आप निरंतर कोशिश करते हैं, आलोचना और विफलताओं के बावजूद सफलता प्राप्त की जा सकती है।

9. मास्टरमाइंड (Mastermind)

think and grow rich_the power of master mind

हिल के अनुसार, सफलता पाने के लिए आपको ऐसे लोगों की टीम की आवश्यकता होती है, जिनके पास विशेष ज्ञान और कौशल हो। ऑथर इसे मास्टर माइंड कहता है। यह मास्टरमाइंड ग्रुप आपके लक्ष्य को प्राप्त करने में आपकी मदद करता है। आप ऐसे लोगों से सलाह लें जो आपकी सोच को सकारात्मक और मजबूत बना सकें। मास्टरमाइंड दो या दो से अधिक लोगों का समूह है, जो एक निश्चित लक्ष्य को पाने के लिए अपने विचारों, अनुभवों और संयोजन से काम करता है। कोई भी व्यक्ति अकेले मास्टरमाइंड की ताकत के बिना बड़ी सफलता नहीं प्राप्त कर सकता। अगर आप अपने मास्टरमाइंड समूह का सावधानीपूर्वक चयन करते हैं, तो आप मान सकते हैं कि आपने आधा रास्ता तय कर लिया है, भले ही आपको यह अभी महसूस न हो।

कान्गी का मास्टरमाइंड समूह लगभग पचास लोगों का था, जिन्होंने एक साथ मिलकर एक निश्चित लक्ष्य तय किया और उसे प्राप्त किया। उनका लक्ष्य एक विशेष उत्पाद बनाना और उसे बेचना था। उन्होंने अपनी पूरी दौलत उस लक्ष्य को हासिल करने के लिए निवेश की, जो उन्होंने अपने मास्टरमाइंड समूह के माध्यम से हासिल की थी। यदि हम किसी ऐसे व्यक्ति का विश्लेषण करें जिसने बहुत बड़ी धनराशि कमाई, तो हम पाएंगे कि उन्होंने मास्टरमाइंड के सिद्धांत का उपयोग किया था, चाहे वे जानते थे या नहीं।

10. सेक्स ट्रांसम्यूटेशन का रहस्य (The Mystery of Sex Transmutation):

सेक्स का भाव एक मानसिक स्थिति को उत्पन्न करता है, जो अक्सर शरीर से जुड़ी होती है। अधिकतर लोग सेक्स के शारीरिक रूप को सही तरीके से समझ नहीं पाते, जिससे यह उनके मानसिक रूप से बंद हो जाता है। सेक्स के पीछे तीन रचनात्मक संभावनाएँ हैं:

  • मानव जाति का स्थायीकरण (The Perpetuation of mankind),
  • जीवन का संरक्षण (The maintenance of health), और
  • परिवर्तन की प्रक्रिया के माध्यम से नई ऊर्जा का निर्माण (The transformation of mediocrity into genius through transmutation)।

सेक्स की चाहत सबसे शक्तिशाली मानव इच्छाओं में से एक है, और इसका सही तरीके से संचालित होना व्यक्ति की जीवनशक्ति, साहस, लगन, और रचनात्मकता को उत्तेजित करता है। अगर इस इच्छा का सही उपयोग किया जाए तो यह साहित्य, कला, और अन्य व्यवसायों में सफलता प्राप्त करने में मदद कर सकता है। सेक्स ऊर्जा का रूपांतरण एक मानसिक प्रक्रिया है, जिसमें शारीरिक और मानसिक इच्छाओं को एक नए दिशा में मोड़ा जाता है। अगर इसे रचनात्मक तरीके से उपयोग किया जाए, तो यह जीवन को समृद्ध और सफल बना सकता है। वैज्ञानिक शोध ने यह साबित किया है कि जो लोग इस ऊर्जा का सही तरीके से उपयोग करते हैं, वे बहुत बड़ी सफलता प्राप्त करते हैं। इस प्रक्रिया से व्यक्ति की मानसिक और शारीरिक शक्ति को एक सकारात्मक दिशा में मोड़ा जा सकता है।

वैज्ञानिक शोध ने यह साबित किया है कि जिन लोगों ने सेक्स ट्रांसफॉर्मेशन की कला सीखी है, वे जीवन में महानतम सफलता प्राप्त करते हैं।

यहां दो मुख्य उदाहरण दिए गए हैं:

  • ऐसे लोग जिन्होंने सेक्स ट्रांसफॉर्मेशन को अपनी कला बना लिया है, वे जीवन में महान उपलव्धियों तक पहुंचे हैं।
  • वे लोग जिन्होंने धन कमाया, प्रसिद्धि पाई, और कला, साहित्य, या विज्ञान में उत्कृष्टता हासिल की, वे अक्सर इस प्रक्रिया से गुजरते हैं।

यह खोज दो हजार सालों से अधिक के इतिहास में की गई है और इसे साबित किया गया है कि सेक्स की ऊर्जा का सही दिशा में प्रयोग व्यक्ति के जीवन को बदल सकता है। यहां यह बताया गया है कि सेक्स की चाहत को अगर सही दिशा में मोड़ा जाए, तो यह व्यक्ति को रचनात्मक ऊर्जा प्रदान करती है। उदाहरण के रूप में, जब किसी जानवर को प्रशिक्षित किया जाता है और उसकी सेक्स चाहत को नियंत्रित किया जाता है, तो उसकी आक्रामकता खत्म हो जाती है और वह शांत और पालतू हो जाता है। इसी तरह, मनुष्य में भी जब सेक्स की चाहत को सही दिशा में मोड़ा जाता है, तो वह अपनी इच्छाओं को एक रचनात्मक दिशा में मोड़ सकता है।

मानवीय मन में कई प्रकार के आवेग होते हैं, जो व्यक्ति के विचारों और कार्यों को प्रभावित करते हैं। इन आवेगों के द्वारा मनुष्य अपनी इच्छाओं, भावनाओं और प्रेरणाओं को व्यक्त करता है। यह आवेग मनुष्य की ऊर्जा को सक्रिय करते हैं और उसे लक्ष्य प्राप्ति की दिशा में प्रेरित करते हैं। यहां कुछ प्रमुख आवेगों की सूची दी गई है, जो व्यक्ति के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं:

  • सेक्स की इच्छा: यह एक शक्तिशाली आवेग है, जो व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक रूप से उत्तेजित करता है और उसकी ऊर्जा को सक्रिय करता है।
  • प्रेम: प्रेम एक गहरा और आत्मिक आवेग है, जो व्यक्ति को जोड़ता है और उसे दूसरों के प्रति सहानुभूति और देखभाल की भावना देता है।
  • शोहरत और धन की इच्छा: यह एक भौतिक और सामाजिक आवेग है, जो व्यक्ति को सफलता और संपत्ति प्राप्त करने के लिए प्रेरित करता है।
  • संगीत: संगीत एक रचनात्मक आवेग है, जो व्यक्ति को भावनात्मक रूप से उभारता है और उसकी रचनात्मकता को बढ़ाता है।
  • मित्रता और समाजिक संबंध: यह एक सामाजिक आवेग है, जो व्यक्ति को अपने रिश्तों और दोस्ती को मजबूत करने के लिए प्रेरित करता है।
  • समूहों का सहयोग: यह मानसिक और सामाजिक जुड़ाव का एक रूप है, जहां लोग एक साथ काम करते हैं और एक-दूसरे के विचारों और प्रेरणाओं से प्रभावित होते हैं।
  • समान दुःख और संघर्ष का अनुभव: जब लोग एक साथ कठिनाइयों का सामना करते हैं, तो यह उन्हें मानसिक रूप से मजबूत बनाता है और एकजुट करता है।
  • आत्म-सुझाव: यह एक मानसिक प्रक्रिया है, जहां व्यक्ति अपने विचारों और विश्वासों को अपने भीतर स्थापित करता है और इसे अपने जीवन में लागू करता है।
  • डर: यह एक नकारात्मक आवेग है, जो व्यक्ति को असुरक्षा का अनुभव कराता है और उसे संकोच या भय के कारण कार्य करने से रोकता है।
  • मादक पदार्थ और शराब: यह एक हानिकारक आवेग है, जो व्यक्ति को तात्कालिक खुशी तो देता है, लेकिन इसके दीर्घकालिक प्रभाव नकारात्मक होते हैं।

इनमें से अधिकांश आवेग मानसिक और शारीरिक ऊर्जा को सक्रिय करने में मदद करते हैं, और कुछ आवेग रचनात्मकता और कल्पना को बढ़ावा देते हैं, जबकि अन्य नकारात्मक भावनाओं और शारीरिक विकारों का कारण बन सकते हैं।

कामेच्छा एक अत्यंत शक्तिशाली और महानतम आवेग है। जब इसे सही दिशा में इस्तेमाल किया जाता है और इसे सही तरीके से बदल दिया जाता है, तो यह व्यक्ति को बहुत ऊंचे स्तर तक उठा सकता है, जिससे उसकी चिंता और परेशानियाँ दूर हो जाती हैं। इससे व्यक्ति अपनी रचनात्मकता और ऊर्जा को सक्रिय कर सकता है और अपनी राह में आने वाली समस्याओं को पार कर सकता है। सेक्स ऊर्जा किसी भी व्यक्ति के अंदर रचनात्मक ऊर्जा को उत्पन्न करने का स्रोत होती है, जो उसे ऊर्जावान और प्रेरित करती है। कोई भी महान नेता, कलाकार या व्यक्ति इस ऊर्जा के बिना महान नहीं बन सकता। हालाँकि, यह जरूरी नहीं है कि हर व्यक्ति सेक्स को रचनात्मकता में बदल सके। इसके लिए मनुष्य को अपनी इच्छाओं और ऊर्जा को सही दिशा में लगाना होता है। यदि यह ऊर्जा गलत तरीके से इस्तेमाल होती है, तो व्यक्ति अपने आप को निचला महसूस करता है और इसके गलत उपयोग से वह अपने जीवन में पशुओं जैसी स्थितियों तक पहुंच सकता है।

लेखक 25,000 सफल लोगों का विश्लेषण करने के बाद बताते हैं कि वे सभी लोग 40 वर्ष से पहले सफल हो गए थे। और जो लोग 40 वर्ष से पहले सफल नहीं हो पाए, उनके लिए 40 वर्ष के बाद सफलता प्राप्त करना मुश्किल हो जाता है, क्योंकि इस उम्र के बाद सेक्स ऊर्जा में कमी आ जाती है।

सेक्स की इच्छा और ऊर्जा को जब तक आप नियंत्रण में रखते हैं, तब तक यह आपकी रचनात्मकता में मदद कर सकती है। यह ऊर्जा किसी भी गतिविधि में लगाई जा सकती है, जैसे कला, लेखन, संगीत, या किसी भी अन्य रचनात्मक क्षेत्र में। मन को शांति देने के लिए ध्यान और योग की मदद लें। यह आपकी सेक्स ऊर्जा को सही दिशा में मोड़ने में मदद करेगा, जिससे आपके विचार और कार्य रचनात्मक होंगे। जब यह ऊर्जा अत्यधिक बढ़ जाती है, तो उसे शारीरिक गतिविधियों, जैसे व्यायाम, योग, या ध्यान में खर्च किया जा सकता है। अपने दिमाग में सकारात्मक सोच और रचनात्मक उद्देश्य के बारे में बार-बार आत्मसुझाव दें। उदाहरण के लिए, आप खुद से कह सकते हैं, “यह ऊर्जा मेरी रचनात्मकता को और बढ़ाएगी।”

11. अवचेतन मन (The Subconscious Mind)

think and grow rich_the subconscious mind

आपका अवचेतन मन एक शक्तिशाली उपकरण है, जो आपकी सफलता में अहम भूमिका निभाता है। यदि आप अपने अवचेतन मन को सकारात्मक सोच और अच्छे विचारों से भरेंगे, तो यह आपके जीवन में सकारात्मक परिणाम लाएगा। अंतर्मन एक गहरे मानसिक प्रक्रिया है, जो हर विचार, भावना और इच्छा को संग्रहीत करता है। यह मनुष्य के भौतिक और मानसिक लक्ष्यों को प्रभावित करता है और किसी भी योजना या विचार को साकार करने में मदद करता है। अंतर्मन लगातार काम करता है और अवचेतन स्तर पर विचारों को भौतिक रूप में बदलने की प्रक्रिया को प्रेरित करता है।

इसमें विश्वास और इच्छाशक्ति का महत्वपूर्ण योगदान होता है। अंतर्मन, असीम शक्ति से इच्छाओं और विचारों को मिलाकर वास्तविकता में बदलता है। इसे समझने और सही तरीके से उपयोग करने से व्यक्ति अपनी इच्छाओं और लक्ष्यों को वास्तविकता में बदल सकता है।

यह प्रक्रिया एक ऐसी शक्ति है, जो रचनात्मक सोच और ऊर्जा को बढ़ावा देती है, और व्यक्ति को मानसिक रूप से प्रेरित करती है, जिससे वे अपनी योजना और लक्ष्यों को सफलतापूर्वक पूरा कर सकते हैं। अंतर्मन के माध्यम से अपनी इच्छाओं को भौतिक रूप में बदलना संभव है, लेकिन इसके लिए आवश्यक है कि आप किताब में दिए गए १३ निर्देशों को ध्यान से पालन करें, और इसे आदत के रूप में अपनाएं। शुरुआत में यह मुश्किल हो सकता है, लेकिन निरंतर अभ्यास, धैर्य और विश्वास से आप इसे हासिल कर सकते हैं। यह एक प्रक्रिया है, और आपको इसे समय के साथ अपनाना होगा।

अंतर्मन हमेशा खाली नहीं रहेगा। अगर आप अपनी इच्छाओं को अपने अंतर्मन में सही तरीके से नहीं ला पाते, तो वह उन विचारों के हिसाब से काम करेगा, जो आपकी लापरवाही का परिणाम होंगे। आपके अंतर्मन में नकारात्मक और सकारात्मक दोनों तरह के विचार लगातार आते रहते हैं। अगर आप नकारात्मक विचारों को रोकने की कोशिश करते हैं और सकारात्मक विचारों को अपनाते हैं, तो आप अपनी इच्छाओं को सही दिशा में प्रेरित कर सकते हैं। जब आप ऐसा करेंगे, तो आपके पास वह शक्ति होगी, जो आपके अंतर्मन के दरवाजे को खोल देगी और आप अपने जीवन को पूरी तरह नियंत्रित कर पाएंगे।

सात सकारात्मक और सात नकारात्मक भावनाएं: यहां लेखक सात सकारात्मक और सात नकारात्मक भावनाओं के बारे में बताया गया है, जिन्हें अपने अंतर्मन को निर्देशित करने के लिए उपयोग किया जा सकता है।

सात प्रमुख सकारात्मक भावनाएं:

  • इच्छा
  • विश्वास
  • प्रेम
  • सेक्सी ऊर्जा
  • उत्साह
  • रोमांस
  • आशा

इन सात भावनाओं का उपयोग रचनात्मकता को बढ़ाने और सकारात्मक मानसिकता विकसित करने में किया जाता है। इन्हें जीवन में अपनाने से आपका अंतर्मन सकारात्मक दिशा में काम करेगा।

सात प्रमुख नकारात्मक भावनाएं:

  • डर
  • ईर्ष्या
  • घृणा
  • प्रतिशोध
  • अंधविश्वास
  • गुस्सा

इन नकारात्मक भावनाओं को अपने अंतर्मन में जगह नहीं देनी चाहिए। एक समय में या तो सकारात्मक या नकारात्मक भावनाएं ही प्रभावी होती हैं, इसलिए सकारात्मक भावनाओं को अपनी आदत में शामिल करना जरूरी है। जब आप सकारात्मक भावनाओं को अपनाते हैं, तो वे आपके अंतर्मन को पूरी तरह से भर देती हैं और नकारात्मक भावनाओं को दूर कर देती हैं।

सुझाव:

  • सोने से पहले ध्यान करें और अपने लक्ष्यों के बारे में सकारात्मक सोचें।
  • हर दिन सकारात्मक वाक्यों का दोहराव करें, ताकि आपके अवचेतन मन में वे गहराई से बैठ जाएं।

12. मस्तिष्क (The Brain)

मस्तिष्क एक टेलीपैथी उपकरण की तरह काम करता है। आपके विचार और भावनाएं एक प्रकार की ऊर्जा उत्पन्न करते हैं, जो आपको समान प्रकार के विचारों और अवसरों की ओर आकर्षित करती हैं। इस सिद्धांत के अनुसार, आपकी सोच जितनी सकारात्मक और स्पष्ट होगी, आपको उतने ही अच्छे अवसर प्राप्त होंगे।

लेखक ने यह विचार किया है कि हर इंसान का मस्तिष्क एक “रेसिविंग सेट” की तरह काम करता है, जो दूसरों के विचारों और भावनाओं को पकड़ने और उसे अपने मस्तिष्क में संजोने की क्षमता रखता है। यह मस्तिष्क के अंदर एक तरह का “संचार माध्यम” होता है, जो दूसरों के विचारों और संवेदनाओं को आत्मसात करता है। लेखक हिल का मानना है कि मन दूसरों के विचारों की तरंगों को पकड़ सकता है। हालांकि, उनका यह भी कहना था कि केवल वे विचार ही मन में प्रवेश कर सकते हैं, जिनकी आवृत्ति उच्च होती है।

जब कोई व्यक्ति गहरे और रचनात्मक विचारों पर ध्यान केंद्रित करता है, तो उसका मस्तिष्क बाहरी विचारों को अधिक संवेदनशीलता से ग्रहण करता है। खासकर जब मन सकारात्मक या नकारात्मक भावनाओं से भरा होता है, तो यह और भी प्रभावित होता है। उदाहरण के लिए, जब मन सेक्सी या उत्साही भावनाओं से भरपूर होता है, तो विचारों का असर अधिक गहरा होता है। इस तरह से, मन की गहराई और उसमें होने वाली भावनाओं का असर विचारों पर पड़ता है। लेखक यह भी बताते हैं कि रचनात्मकता और विचारों की तीव्रता सीधे तौर पर इस “रेसिविंग सेट” के काम करने की क्षमता से जुड़ी होती है। जब मन सही दिशा में काम करता है, तो वह रचनात्मकता को और बढ़ा सकता है।

दिमाग (brain) एक शक्तिशाली उपकरण है, जिसके माध्यम से हमारा अवचेतन मन (subconscious mind) और रचनात्मक कल्पना (creative imagination) आपस में जुड़ते हैं। हमारे विचार, भावनाएँ और इच्छाएँ दिमाग में प्रोसेस होते हैं, और ये हमारे अवचेतन मन को प्रभावित करते हैं, जो फिर हमारे व्यवहार और निर्णयों को निर्देशित करता है। रचनात्मकता और अवचेतन मन के बीच का यह संबंध हमें नई विचारधाराएँ, समाधान और दृष्टिकोण प्राप्त करने में मदद करता है। जब हम अपनी रचनात्मक कल्पना का सही तरीके से उपयोग करते हैं, तो हम अपने दिमाग के अवचेतन स्तर पर जाकर सकारात्मक परिवर्तन और विकास की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं। अपने दिमाग की “ब्रॉडकास्टिंग” क्षमता को बढ़ाने के लिए आप आत्म-प्रेरणा (auto-suggestion) और रचनात्मक कल्पना (creative imagination) का इस्तेमाल कर सकते हैं, ताकि आपका अवचेतन मन आपके लक्ष्यों की ओर मार्गदर्शन कर सके। आपका दिमाग वह सब कुछ पूरा करता है जो आप भावनाओं के साथ कहते हैं। इसके लिए आपको अपने सपनों को अपने इरादे से महसूस करना शुरू करना होगा।

दिमाग वह जगह है जहां आपके सभी विचार और इच्छाएँ एक लक्ष्य पर तय होती हैं। सीधे शब्दों में कहें तो, आपको खुद को प्रेरित और सही मूड में रखना होगा, तभी आपका दिमाग पूरी गति से काम करेगा। इससे आप साफ़ और स्पष्ट सोच पाएंगे और स्वाभाविक प्रेरणा भी प्राप्त करेंगे। आपका दिमाग आपके सपनों को सच करने में आपकी मदद करेगा, लेकिन यह इस पर निर्भर करता है कि आप अपने दिमाग का इस्तेमाल कैसे करते हैं। अपने दिमाग का सही तरीके से उपयोग करें और अपनी क्षमताओं को बढ़ाकर अपने लक्ष्य को जल्दी से जल्दी हासिल करने की कोशिश करें।

सुझाव:

  • रोजाना नए विचारों को लिखने की आदत डालें।
  • मस्तिष्क को शांत रखने के लिए ध्यान और योग करें।

13. छठी इंद्रिय (The Sixth Sense)

Think and grow rich_the sixth sense

हिल कहते हैं कि सफल लोग अपनी छठी इंद्रिय का भी इस्तेमाल करते हैं। यह एक आंतरिक भावना होती है, जो हमें सही और गलत की पहचान करने में मदद करती है। यह हमारी समझ को गहराई से प्रभावित करती है और हमें कई बार सही दिशा में ले जाती है। छठी इंद्रिय वह शक्ति है जो हमारी इच्छाओं और कल्पनाओं को वास्तविकता में बदलने में मदद करती है। छठी इंद्रिय एक ऐसा सिद्धांत है जो हमारे अंतर्मन को “असीम बुद्धिमत्ता” से जोड़ता है। छठी इंद्रिय को “रचनाात्मक कल्पना” भी कहा गया है, जिसके माध्यम से विचार और योजनाएं आपके मस्तिष्क में आती हैं। यह एक तरह का आभास या प्रेरणा होती है, जो आपको सही दिशा में ले जाती है। इसे समझने और अपनाने के लिए आपको पहले इस पुस्तक में दिए गए अन्य सिद्धांतों को पूरी तरह से अपनाना होगा। जब आप अन्य सिद्धांतों में पारंगत हो जाते हैं, तो छठी इंद्रिय आपको खतरों से पहले आगाह करती है और अवसरों को समय पर पहचानने में मदद करती है। इसके विकास के साथ, यह एक रक्षक देवदूत की तरह काम करती है, जो ज्ञान के द्वार खोल देती है और आपकी सोच को एक नई दिशा देती है। इसे समझने का एकमात्र तरीका है अभ्यास और अपने भीतर की शक्ति को जागृत करना। इसे जागृत करने के लिए अपने अंतर्मन को सकारात्मक ऊर्जा से भरें, नियमित अभ्यास करें, और अपने भीतर के ज्ञान पर भरोसा रखें। यह शक्ति आपके जीवन में असाधारण बदलाव ला सकती है। इस फिलॉसफी को सही तरीके से अपनाने और सफलतापूर्वक उपयोग करने के लिए सबसे पहले आपको अपने मन को तैयार करना होगा। तैयारी का पहला कदम है तीन सबसे बड़ी कमजोरियों— अनिर्णय, शंका और डर— को दूर करना। जब तक ये तीनों आपके दिमाग में मौजूद रहेंगे, तब तक आपकी छठी इंद्रिय काम नहीं करेगी।

सुझाव:

  • ध्यान और आत्मचिंतन के जरिए अपने आंतरिक आत्म की सुनें।
  • फैसले लेने में अपने अंदरूनी अहसासों को अनदेखा न करें।

डर, चिंता और नकारात्मक प्रभाव पर विजय (Overcoming Fear, Worry and Negative Influences)

Think and Grow rich_Fear and Negative Influences

डर सफलता की सबसे बड़ी बाधा होती है। हिल बताते हैं कि हमें अपने अंदर छिपे डर को पहचानना और उस पर काबू पाना चाहिए। डर को परास्त करने से आत्मविश्वास आता है, जो आपकी सफलता की राह में बहुत जरूरी है।

डर का चक्र:

  • अनिर्णय डर की जड़ है।
  • यह धीरे-धीरे शंका में बदल जाता है।
  • शंका और अनिर्णय मिलकर डर का रूप ले लेते हैं।

यह प्रक्रिया इतनी धीमी और सूक्ष्म होती है कि हमें इसकी उपस्थिति का एहसास भी नहीं होता। यही कारण है कि यह कमजोरियां इतनी खतरनाक होती हैं।

छह बड़े डर:

इस अध्याय में उन छह बड़े डरों का उल्लेख है जो अधिकतर लोगों को गरीबी और असफलता में बांधकर रखते हैं। डर का सबसे बड़ा कारण यह है कि वे हमारे विचारों में जड़ें जमा लेते हैं। इससे पहले कि आप अपने लक्ष्यों की ओर कदम बढ़ाएं, इन डरों को पहचानना और उनसे निपटना जरूरी है। अगर आप अमीर बनना चाहते हैं, चाहे वह धन-संपत्ति के रूप में हो या मानसिक शांति और आत्म-संतुष्टि के रूप में, तो सबसे पहले इन डर की जड़ों और उनके प्रभाव को समझें। डर की पहचान करना जरूरी है क्योंकि ये अक्सर हमारे अंतर्मन में छुपे रहते हैं। इन डरों को उजागर करना और इनसे निपटना ही पहला कदम है। ध्यानपूर्वक विश्लेषण करें कि क्या इन डरों में से कोई आपके जीवन को प्रभावित कर रहा है।

हर इंसान के जीवन में छह ऐसे डर होते हैं, जो किसी न किसी समय दुःख और असफलता का कारण बनते हैं। ये डर किसी भी व्यक्ति के मन पर हावी हो सकते हैं, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इन्हें पहचाना और नियंत्रित किया जा सकता है।

  • गरीबी का डर (the fear of poverty)
  • आलोचना का डर (the fear of criticism)
  • बुरी सेहत का डर (the fear of ill health)
  • प्यार खोने का डर (the fear of loss of love of someone)
  • बुढ़ापे का डर (the fear of old age)
  • मौत का डर (the fear of death)

इन डर को मानसिक स्थिति का परिणाम माना जाता है, और मानसिक स्थिति को बदला या नियंत्रित किया जा सकता है।

डर से कैसे बचें: हर इंसान के पास यह शक्ति होती है कि वह अपने विचारों को नियंत्रित कर सके। आप तय कर सकते हैं कि कौन से विचार आपके दिमाग में प्रवेश करें। अगर आप अपने मन को केवल सकारात्मक और प्रेरक विचारों के लिए खोलते हैं, तो डर का प्रभाव कम हो सकता है। पहचानें कि कौन सा डर आपके जीवन पर हावी हो रहा है। अपनी सोच पर नियंत्रण रखें और नकारात्मक विचारों को अपने मन में न आने दें। सकारात्मक और साहसी विचारों को अपनाएं।अपने डर का सामना करें और उन्हें धीरे-धीरे खत्म करें। याद रखें, आप वही बनते हैं, जो आप सोचते हैं।

चिंता एक प्रकार का मानसिक स्तिथि है जो डर से पैदा होती है, जो धीरे-धीरे और निरंतर व्यक्ति के आत्मविश्वास, सोचने की क्षमता और पहल करने की शक्ति को खत्म कर देती है। यह घातक होती है और सूक्ष्म तरीके से इंसान की मानसिक स्थिति को अंदर से खोखला बना देती है। डर और चिंता एक-दूसरे को बढ़ावा देते हैं। छह मूलभूत डर—गरीबी, आलोचना, बुरी सेहत, प्यार के बिछोह, बुढ़ापे, और मृत्यु का डर—चिंता को जन्म देते हैं। यह चक्र तब तक चलता रहता है जब तक व्यक्ति इसे तोड़ने का प्रयास नहीं करता।

चिंता और डर से बाहर निकलने के उपाय:

  • निर्णय लेने की आदत डालें: निर्णय न लेना ही असंतुलन और चिंता का सबसे बड़ा कारण है। साहस के साथ तुरंत निर्णय लें और उन पर डटे रहें।
  • डर का सामना करें और उसे स्वीकारें: मृत्यु को एक अपरिहार्य सच्चाई के रूप में स्वीकार करें। बुढ़ापे को एक वरदान मानें, जो अनुभव और समझदारी लेकर आता है। गरीबी के डर को दूर करने के लिए धन कमाने के ठोस निर्णय लें।
  • चिंता के बजाय सकारात्मक सोच अपनाएं: जीवन में किसी भी चीज़ की कीमत इतनी अधिक नहीं है कि उसे लेकर चिंता की जाए। मन को शांत रखने और सकारात्मक विचारों को अपनाने से खुशी और संतुलन प्राप्त होता है।
  • डर की ऊर्जा को सकारात्मक दिशा में लगाएं: डर को एक चेतावनी के रूप में देखें, जो आपको कार्रवाई के लिए प्रेरित कर सकता है। अपने मन को केवल उन विचारों के लिए खोलें, जो रचनात्मक और प्रेरणादायक हैं।
  • नकारात्मकता से बचें: डर और चिंता दूसरों को भी प्रभावित कर सकते हैं। यह एक मानसिक संक्रमण की तरह काम करते हैं। जो व्यक्ति नकारात्मक विचारों को व्यक्त करता है, वह अपनी और दूसरों की सफलता को नष्ट करता है।
  • सकारात्मक वातावरण बनाएं: अपने आसपास ऐसा माहौल बनाएं, जहां रचनात्मकता और सकारात्मकता का विकास हो।
  • अपने जीवन को नियंत्रित करें: आप अपने विचारों के निर्माता हैं। इन्हें नियंत्रित करने की शक्ति आपके पास है। जब आप अपने विचारों को दिशा देंगे, तो आप अपने भाग्य के भी निर्माता बन जाएंगे।

नकारात्मक भाव (Negative Emotions) वे भावनाएँ हैं जो व्यक्ति के मन और सोच पर नकारात्मक प्रभाव डालती हैं। ये भावनाएँ इंसान को तनाव, चिंता, डर, निराशा, उदासी, या गुस्से जैसी मानसिक अवस्थाओं की ओर धकेलती हैं।

नकारात्मक भाव व्यक्ति के भीतर से भी उत्पन्न हो सकते हैं और बाहरी प्रभावों से भी। नकारात्मक भाव के प्रभाव से बचने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं:

  • नकारात्मकता को पहचानें: सबसे पहले यह समझना जरूरी है कि नकारात्मक भाव आपके भीतर कैसे और किन परिस्थितियों में उत्पन्न हो रहे हैं।
  • नकारात्मक लोगों से बचाव करें: जानें कि कौन-सी बातें, लोग, या आदतें आपके मन पर नकारात्मक प्रभाव डाल रही हैं। जो लोग आपको हतोत्साहित करते हैं या नकारात्मक बातें करते हैं, उनसे दूरी बनाए रखना बेहतर है।
  • सकारात्मक संगत अपनाएं: उन लोगों के साथ समय बिताएं जो आपको प्रेरित करते हैं और सकारात्मक सोच का वातावरण बनाते हैं।
  • सकारात्मक आदतें डालें: जिन आदतों से उदासी या हताशा बढ़ती है, जैसे बार-बार दुखद घटनाओं के बारे में सोचना, उन्हें छोड़ने का प्रयास करें। ध्यान, प्रेरक किताबें पढ़ना, और नियमित रूप से प्रेरणादायक गतिविधियों में शामिल होना नकारात्मक भावों को दूर करने में मदद करता है।
  • स्वास्थ्य का ध्यान रखें: सही खानपान, नियमित व्यायाम और पर्याप्त नींद मन को शांत और सकारात्मक बनाए रखते हैं।
  • शारीरिक और मानसिक ऊर्जा को नियंत्रित करें: अगर कोई नकारात्मक विचार आता है, तो तुरंत खुद को व्यस्त रखें।
  • खुद पर विश्वास रखें: यह जान लें कि हर इंसान में कमजोरियां होती हैं। अपनी ताकत और क्षमताओं को पहचानें। डर और असुरक्षा अक्सर नकारात्मकता का मूल कारण होते हैं। इनसे निपटने के लिए अपने भीतर आत्मविश्वास विकसित करें।
  • नियमित आत्म-जांच करें: रोज अपने आप से ये सवाल करें। क्या मेरे विचार सकारात्मक हैं? क्या मैं सही लोगों के साथ समय बिता रहा हूं? क्या मैं अपनी आदतों में सुधार कर रहा हूं? अपने जवाबों के प्रति ईमानदारी रखें और जरूरत के अनुसार बदलाव करें।
  • प्रेरणादायक संसाधनों का उपयोग करें: सकारात्मक और प्रेरणादायक किताबें पढ़ें। प्रेरक पॉडकास्ट या वीडियो देखें, जो आपकी ऊर्जा और मनोदशा को ऊपर उठाएं।

निष्कर्ष (Conclusion)

तो दोस्तों, ये थे नेपोलियन हिल की किताब ‘Think and Grow Rich’ के 13 अद्भुत सिद्धांत। “Think and Grow Rich” किताब ने सफलता और संपत्ति प्राप्त करने के लिए 13 महत्वपूर्ण सिद्धांतों को बताया है, जिनसे हर कोई आसानी से अवगत हो सकता है। अगर हम इन सिद्धांतों को सही तरीके से अपनाते हैं, तो न केवल हम अपने सपनों को पूरा कर सकते हैं, बल्कि हम धन और सफलता के रास्ते पर भी आगे बढ़ सकते हैं। लेखक ने न सिर्फ पैसे और सफलता के बारे में बात की है, बल्कि उन्होंने हमें यह भी बताया है कि कैसे हम डर और नकारात्मक प्रभावों से बच सकते हैं।

इसके अलावा, लेखक ने यह भी समझाया है कि कैसे खुद को एक बेहतर इंसान बना सकते हैं। यह किताब केवल धन अर्जित करने के लिए नहीं, बल्कि अपने मानसिक विकास और सकारात्मक सोच को बढ़ावा देने के लिए भी एक मार्गदर्शिका है।

अंत में, “Think and Grow Rich” एक प्रेरणादायक किताब है जो न केवल हमें अमीर बनने के सिद्धांत सिखाती है, बल्कि हमें जीवन में सफलता, आत्मविश्वास और मानसिक शक्ति को प्राप्त करने के लिए भी प्रेरित करती है। अगर हम इन सिद्धांतों को सही तरीके से अपनाएंगे, तो न केवल हम अपनी वित्तीय स्थिति को मजबूत कर सकते हैं, बल्कि अपने व्यक्तिगत विकास में भी निरंतर सुधार कर सकते हैं। अगर आपको इस Book Summary से प्रेरणा मिली हो, तो कृपया इसे Comment और Share करें। धन्यवाद!

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