बादशाह अकबर का दरबार हमेशा अपनी न्यायप्रियता और समृद्धि के लिए प्रसिद्ध था। एक दिन, दरबार में हलचल मच गई, जब यह खबर फैली कि राजा के खजाने से बहुमूल्य आभूषण चोरी हो गए हैं। ये आभूषण बहुत खास थे, क्योंकि उन्हें अकबर ने अपनी रानी को उपहार स्वरूप दिए थे। खजाने से कुछ भी चोरी होना दरबार में एक गंभीर मामला था, और सारे दरबारियों में भय फैल गया था।
अकबर ने तुरंत सभी दरबारियों को बुलाया और आदेश दिया कि इस रहस्य को जल्द से जल्द सुलझाया जाए। किसी ने अंदाजा लगाया कि यह चोरी किसी अंदर के व्यक्ति ने ही की है, क्योंकि खजाने तक पहुंचने का अधिकार सिर्फ गिने-चुने दरबारियों और खजाने के रक्षकों को था।
चोर की तलाश
अकबर ने गुस्से में कहा, “जिसने भी यह चोरी की है, उसे कड़ी से कड़ी सजा मिलेगी। अगर किसी को कोई भी सुराग मिले, तो तुरंत दरबार में लाया जाए।”
सभी दरबारियों के चेहरे पर चिंता की लकीरें थीं, क्योंकि अगर चोरी करने वाला पकड़ा नहीं गया, तो पूरे दरबार की प्रतिष्ठा पर सवाल खड़े हो सकते थे। कई दिनों तक कोई सुराग नहीं मिला, और चोरी का रहस्य और गहरा होता गया।
तभी अकबर को याद आया कि बीरबल हमेशा ऐसे मामलों को बड़ी आसानी से हल करता है। उन्होंने बीरबल को बुलवाया और कहा, “बीरबल, खजाने से रानी के बहुमूल्य आभूषण चोरी हो गए हैं, और कोई सुराग नहीं मिला है। मैं चाहता हूँ कि तुम इस रहस्य को सुलझाओ।”
बीरबल ने शांत स्वर में कहा, “जहांपनाह, मैं इस रहस्य को सुलझाने की कोशिश करूंगा, लेकिन मुझे दरबारियों और खजाने के रक्षकों से बात करने का मौका दीजिए।”
अकबर ने बीरबल को अनुमति दी, और बीरबल ने अपनी योजना बनानी शुरू कर दी।
बीरबल की चालाक योजना
बीरबल ने सबसे पहले उन सभी दरबारियों और खजाने के रक्षकों की सूची बनाई, जिनके पास खजाने तक पहुंचने का अधिकार था। फिर उसने उन सभी को दरबार में बुलाया और एक-एक करके उनसे सवाल पूछने शुरू किए। सभी ने यह कहा कि उन्होंने कोई चोरी नहीं की, और उन्हें इस बारे में कुछ भी पता नहीं है।
बीरबल जानता था कि चोर जरूर डर के मारे कोई न कोई गलती करेगा। इसलिए उसने एक चालाक योजना बनाई। उसने सभी से कहा, “आज रात आप सभी को राजा के बगीचे में आना होगा। मेरे पास एक जादुई मंत्र है, जिससे चोर का पता चल जाएगा।”
सभी दरबारी और रक्षक इस बात से हैरान थे कि बीरबल ऐसा कौन सा जादू करेगा, जिससे चोर पकड़ा जाएगा। लेकिन बीरबल हमेशा अपने अनोखे तरीकों के लिए जाना जाता था, इसलिए सभी उसके कहे अनुसार बगीचे में इकट्ठा हो गए।
बीरबल का जादुई घड़ा
बीरबल ने बगीचे के बीचों-बीच एक बड़ा घड़ा रखवाया। उसने कहा, “इस घड़े के अंदर एक जादुई गधा है। यह गधा केवल चोर को ही पहचान सकता है। मैं एक-एक करके आप सभी को इस घड़े में हाथ डालने के लिए कहूंगा। अगर चोर ने घड़े में हाथ डाला, तो गधा जोर से चिल्लाएगा और हमें पता चल जाएगा कि चोर कौन है।”
सभी दरबारी और रक्षक एक-दूसरे को देखने लगे। किसी को यकीन नहीं हो रहा था कि एक गधा किसी चोर को पहचान सकता है। लेकिन बीरबल की योजनाएं हमेशा अनोखी होती थीं, इसलिए कोई भी इस बात से इनकार नहीं कर सका।
बीरबल ने सभी से कहा, “जब आप घड़े में हाथ डालेंगे, तो कुछ मत बोलिए। बस शांत रहिए।” एक-एक करके सभी दरबारियों ने घड़े में हाथ डाला, लेकिन गधा चुप रहा। बीरबल ने सबको घड़े में हाथ डालने दिया, और जब आखिरी व्यक्ति ने भी घड़े में हाथ डाल लिया, तो बीरबल ने कहा, “अब सब अपने हाथ दिखाओ।”
सभी ने अपने हाथ दिखाए। बीरबल ने सभी के हाथों को ध्यान से देखा और फिर मुस्कुराते हुए कहा, “चोर पकड़ा गया।”
अकबर और दरबार के सभी लोग हैरान थे। बीरबल ने एक दरबारी की ओर इशारा किया और कहा, “यह आदमी ही चोर है।”
चोर घबरा गया और अकबर के पैरों में गिरकर माफी मांगने लगा। उसने स्वीकार किया कि उसने ही रानी के आभूषण चुराए थे। अकबर ने हैरानी से बीरबल से पूछा, “बीरबल, तुमने यह कैसे पता लगाया कि चोर कौन है?”
बीरबल का रहस्य
बीरबल ने हंसते हुए कहा, “जहांपनाह, घड़े में कोई जादुई गधा नहीं था। मैंने घड़े के अंदर काजल लगा दिया था। मैंने कहा था कि गधा केवल चोर पर चिल्लाएगा, इसलिए असली चोर ने डर के मारे घड़े में हाथ नहीं डाला, ताकि उसके हाथ में काजल न लगे। सभी दरबारियों के हाथों पर काजल लगा हुआ था, सिवाय चोर के। यही वजह थी कि मैंने उसे पहचान लिया।”
अकबर बीरबल की इस चालाकी से बेहद खुश हुए और उन्होंने चोर को कड़ी सजा दी। उन्होंने बीरबल की तारीफ करते हुए कहा, “बीरबल, तुमने फिर से अपनी चतुराई और बुद्धिमानी से इस बड़े रहस्य को सुलझा दिया। तुम्हारे जैसे मंत्री के बिना यह दरबार अधूरा है।”
कहानी से शिक्षा
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि चतुराई और धैर्य से किसी भी बड़े रहस्य को सुलझाया जा सकता है। बीरबल की बुद्धिमत्ता ने यह साबित कर दिया कि कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी सही योजना और समझदारी से काम लिया जाए, तो सच सामने आ ही जाता है।